मानव सेवा करना ईश्वर की सबसे बड़ी इबादत है : शहज़ादे कलीम

नए साल का पहला दिन कुछ अलग अंदाज में मनाया गया मौका था रूबरू फाउंडेशन और उत्तर प्रदेश जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुए कवि सम्मेलन मुशायरा एवं सम्मान समारोह का। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में  किए गए  विशिष्ट कार्य के लिए कई विभूतियों को  सम्मानित किया गया। इस क्रम में टीम लखनऊ के शहज़ादे कलीम  जो कि. शहर की गणमान्य हस्ती हैं और समाज सेवा  के क्षेत्र में निरंतर  सक्रिय भूमिका  निभाते हैं  उन्हें भी सम्मान दिया गया। उल्लेखनीय है  विगत दिनों  देश के कई हिस्सों में  भीषण बाढ़ ने तबाही मचाई थी। बिहार, मध्यप्रदेश, केरल और उत्तर प्रदेश के कई जनपदों के बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में टीम लखनऊ के शहज़ादे कलीम ने व्यक्तिगत तौर पर बाढ़ पीड़ितों की मदद किया था जिसकी पूरे देश में सराहना हुई थी। उल्लेखनीय है बिहार के पटना में बाढ़ ने पिछले कई सालों का रिकार्ड ध्वस्त कर दिया था। ऐसे में जान हथेली पर लेकर शहज़ादे कलीम ने घुटनों तक पानी में चलकर बाढ़ पीड़ितों को आवश्यक खाद्य सामग्री और रोज़मर्रा की चीज़ें वितरित किया था। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश के बहराइच और बाराबंकी में राहत कार्यक्रम चलाया था। इसके साथ ही शहज़ादे कलीम कई स्कूलों में गरीब और वंचित बच्चों को शिक्षा दिलाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। ये नियमित रूप से ब्लड डोनेशन कैम्प का आयोजन करते हैं। कार्यक्रम में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए शहज़ादे कलीम ने कहा कि वेद में कहा गया है कि मानव सेवा परमो धर्म। हिन्दुस्सतान की संस्कृति में इसका सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। पत्रकार के सवाल का उत्तर देते हुए उन्होंने कहाकि मानव की सेवा करके मुझे अपार शांति मिलती है। मैं इसे आर्थिक लाभ अथवा हानि के पैमाने पर तुलना नहीं करता। कहा, बल्कि मेरा मानना है कि ईश्वर ने मुझे मानव रूप में धरती पर भेजा है ताकि में मानवजाति की सेवा कर सकूं। सम्मान समारोह और कवि सम्मेलन-मुशायरा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त श्री नरेंद्र श्रीवास्तव ने शहज़ादे कलीम को प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह देकर और शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस समारोह में लखनऊ के विद्वान, बुद्धिजीवी,  साहित्यकार, कवि, शायर, शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं समाजसेवी साम्मिलित हुए ।
इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथिगण श्री मुरलीधर आहूजा,  निग़हत खान, साबरा हबीब,  इरशाद राही, अब्दुल वहीद सिद्दीक़ी, मोहम्मद ज़ुबैर सहित तमाम लोग शामिल हुए।